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टूट कर डाली से अब तो हर गुलाब अलग होने लगा है, हर

टूट कर डाली से अब तो हर गुलाब अलग होने लगा है,
हर दरख़्त अब तो ए खुदा अपनी शाख खोने लगा है,

माटी का पुतला बनाया है तुझे ए इंसान उस खुदा ने,
तू तो देख अब अपनो की ही खुशी खुद राख होने लगा है,

खुबसूरत लगता था हर लम्हा कभी रहकर संग तेरे ए सनम,
अब तो बीता हुआ हर मंजर सामने मेरे ख़ाक होने लगा है,

मुस्कुराता है जो हर चहेरा बहुत अब इस दुनिया के सामने,
पा कर खुद को तन्हा ए खुदा अब वो अंधेरों में रोने लगा है,

लिख कर कह देता है जितेंद्र हर गहरी बात जो दुनिया से ए गालिब,
अब हर उस गहरी बात का असर हर धड़कते दिल पे होने लगा है।।

©Alfaaz Dil se #WallTexture  kanishka Sudha Tripathi POOJA UDESHI Jaislline Priyanka Yadav
टूट कर डाली से अब तो हर गुलाब अलग होने लगा है,
हर दरख़्त अब तो ए खुदा अपनी शाख खोने लगा है,

माटी का पुतला बनाया है तुझे ए इंसान उस खुदा ने,
तू तो देख अब अपनो की ही खुशी खुद राख होने लगा है,

खुबसूरत लगता था हर लम्हा कभी रहकर संग तेरे ए सनम,
अब तो बीता हुआ हर मंजर सामने मेरे ख़ाक होने लगा है,

मुस्कुराता है जो हर चहेरा बहुत अब इस दुनिया के सामने,
पा कर खुद को तन्हा ए खुदा अब वो अंधेरों में रोने लगा है,

लिख कर कह देता है जितेंद्र हर गहरी बात जो दुनिया से ए गालिब,
अब हर उस गहरी बात का असर हर धड़कते दिल पे होने लगा है।।

©Alfaaz Dil se #WallTexture  kanishka Sudha Tripathi POOJA UDESHI Jaislline Priyanka Yadav