शीर्षक - ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ ------------------------------------------------------- ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ, अभी भी है मुफ़लिस ही। बना नहीं सका वह घर, अभी भी है तन से खालिस ही।। ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ------------------।। इंतजार है उसको रोटी का, सर्दी से बचने को कम्बल का। वह भीग रहा है बारिश में, रब भी है उससे रुसवां ही।। ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ-------------------।। हथियार बनाकर उसको, सब लोग पाते हैं उससे सुख। मिलती नहीं उसको तारीफ, होती है उसकी बुराई ही।। ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ------------------।। रातभर रहता है बेचैन, दिनभर सूरज में तपता है। कब आयेगी उसकी सुबह,सदा बहाता है अश्क ही।। ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ------------------।। हक नहीं है उसका फिर भी, अपनी मेहनत के फल पर। सुख उसका छीन लिया है, नसीब में है उसके दुःख ही।। ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #उसका ख्वाब