✍अधूरा ख्वाब ✍ एक दिन वापस मुड़कर आऊंगा मैं कैसे बिताया तुम बिन जिन्दगी का हर पल आकर बताऊंगा मैं हे सहजादी क्या आज भी मुझे याद करती हो ऐसा पूछकर बार बार बतलाऊंगा मैं थोड़ी सी खामोशी हो कुछ ख्वाईश हो नुमाईश हो उन चाँद तारो तलक छाया मे उनकी बाहों मे तुम्हारी सो जाऊंगा मैं देखा था तुम्हारे साथ एक ख्वाब जो टूट कर बिखर गया टूटे ख्वाब से एक और ख्वाब देखूंगा मैं ख्वाब ही ख्वाब कब तलक देखु काश तुझको भी एक झलक देखु देख नायाब बेहद खूबसूरत चेहरे पर नूर फ़ना हो जाना चाहूंगा मैं उम्र गुजार दी तुम्हारे इंतजार मे बाकी बची खुची भी इंतजार मे गुजार देना चाहूंगा मैं मेरे दर्द पर अपनी हँसी का मरहम लगादे मेरे दिल मे मोहबत की कलम लगादे कितना और तड़फना बाकी है मेरे हमसफर मारदे मुझे या मर जाऊंगा मैं मरते मरते,,,,बरसो पहले जो सूरत देखी थी तुम्हारी दिल पर तस्वीर बना जाऊंगा मैं याद करके जो लिखता हु शायर तुम्हारे नाम के एक गजल को तुम्हारा नाम दे जाऊंगा मैं ✍Ajpatir ✍ ✍अधूरा ख्वाब ✍ एक दिन वापस मुड़कर आऊंगा मैं कैसे बिताया तुम बिन जिन्दगी का हर पल आकर बताऊंगा मैं हे सहजादी क्या आज भी मुझे याद करती हो ऐसा पूछकर बार बार बतलाऊंगा मैं