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कुछ पढ़ेंगे आँखों को किताब से ज़्यादा हसीन समझेंगे

कुछ पढ़ेंगे आँखों को किताब से ज़्यादा
हसीन समझेंगे महबूब माहताब से ज़्यादा

किसने कहा माह-ए-मोहब्बत है फरवरी
दिल टूटते हैं इस महीने गुलाब से ज़्यादा

कुछ करेंगे नुमाइशी इस महीने में बढ़कर
कुछ जिएँगे जिंदगी हर ख्वाब से ज़्यादा

इसलिए दिन कम होते इस महीने में यारों
कहीं मर ना जाये लोग हिसाब से ज्यादा

©_गगन
  gagan
gagangaming5152

_गगन

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gagan #शायरी

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