हमारी हर तकलीफ़ों की मरहम तुम थी रास्ता जो कभी भटका सरल राह तुम थी मै तुझसे दूर हो जाऊं ये हो नही सकता! क्योंकि मेरी सांसों की हवा तुम थी। कवि सुनील यादव , अंजाम मुक्तक ही जान हैं, गीत हमारी पहचान हैं।