अब एक ऐसा मजहब बनाया जाएँ जिसमे इंसान को इंसान बनाया जाएँ पुराने मजहबो मे गंगा यमुना भी मैली है कोई बताएँ अब कहाँ नहाया जाएँ एक ऐसा मजहब जिसकी खुशबू अनेक न एक हो जिसे लगाकर बदन पर प्रेम को पाया जाएँ पुरानी मजहबो मे झूठी है मंदिरे फरेबी है मस्जिदे कोई बताएं अब कहाँ सच को पाया जाएँ एक ऐसा मजहब हो जो सभी का हो जिसमे इंसानो को इंसानो से मिलाया जाएँ – Vikas Gupta ©Vikas Gupta #Religion