कर्ज है मुझ पर तुम्हारा और उनका "जिनके अधिकारों का वजन मेरे जन्मसिद्ध अधिकारों से अधिक है ।।" -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) मैंने तुम्हें लिखने की कभी कोशिश नहीं की ना पाने की इसलिए मुझे तुम्हें ना पढ़ने की कोशिश करनी पड़ी और ना खोने का डर रहा उंगलियां कागज़ पर