चिट्ठी जाए ना उस देश जिस देश गए मोरे सजना हवा के पर मैं बांध के भेजें हम संदेश का कहना बिरहा ने पतझड़ बनके पत्ता पत्ता टूटा बहुत दुखा मन बहुत दुखा मन साथ तोरा जब छोटा.. चिट्ठी जाए ना....