महफिल तो उनकी होती हैं मगर चर्चे हमारे होते हैं हमारे दुश्मनों के जश्न के भी अलग ही नजारे होते हैं वो जंग तो जीत जाते हैं फिर भी हमसे हारे होते हैं काबील-ए-दोस्ती हो नही पाते इसीलिये दुश्मनी के सहारे होते हैं -Shilpa #महफिल #LateNight_Thoughts #ShilpaSalve358