ना देखूं गर मां को अपनी, मुझे सारा घर सूना सा लगता है, पर मैं जानता नही प्यार क्या है जो नज़र ना आयें पिता मुझको, दीवार ओ दर सूना सा लगता है, पर मैं जानता नही प्यार क्या है रात की घनी अंधेरी में भाई का हाथ काँधे पर,तो सारा डर सूना सा लगता है, पर मैं जानता नही प्यार क्या है हाथों में हाथ ना आयें बहन का,तो जिम्मेदारियों का सफर सूना सा लगता है, पर मैं जानता नही प्यार क्या है आमिल #love प्यार क्या है