#DaughtersDay अब क्या क्या बताऊं, क्या-क्या है बेटियां, किसी के लिए कुछ नहीं, तो किसी के लिए, खुदा है बेटियां, एक रहमत बनकर, गुड़िया, परी, रानी, बाबु बनके खुशीया फेलाती है सच्च मे, यह खुदा का एक तोहफा है बेटियां.. अक्सर, पापा को थोड़ा ज्यादा प्यार करती है, सर उनका थोड़ा सा दुखे, डोक्टर बन जाती है बेटीयां.. मम्मी जब भी डांट देती हैं, थोड़ा गुस्सा आ जाता है, मुंह फुलाए भी मम्मी का काम में हाथ बटा देती है बेटीयां.. बेबाकी, सरारत, जिद्द, प्यार, इज्जत, खयाल रखना, खुदा ही जाने इतनी बड़ी क्यों हो जाती है बेटीयां. मेहनती भी बहुत होती है, दो घरों को एक साथ, केसे संभाल लेती है बेटीयां #DaughtersDay Arzooo 😍😍