दिल की बस्ती में बस एक तेरी हस्ती है। तेरे बिन तो मेरे लिए जन्नत भी सस्ती है। दिल कहता है कि सबसे पहले तू रहे- उसके बाद मैं और फिर मेरी ख़्वाहिशें। जब तू ही नहीं तो कुछ करना क्यों! कैसी मुस्कुराहट और काहेकी मस्ती है। ख़ुद से पूछो कभी अकेले में बैठकर! दिल को बस एक तेरी ही बात जँचती है। क्या सोना और क्या चाँदी तेरे बिन 'मुट्टू'! 'पंछी' के लिए तो ये सब कुछ मिट्टी है। ♥️ Challenge-660 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।