छोड़ कर अतीत की गलियों को पीछे, सफ़र में आगे बढ़ना हम सीख जाए। सीख जाए हँसना खुद की नादानी पर, रोते हुए इंसान को हँसाना सीख जाए। मिलते चले अजनबियों से इस सफ़र में, अजनबियों को अपना बनाना सीख जाए। •●• जीएटीसी क्रिएटिविटी - ७ •●• 《चैलेंज: १०》 कोलाॅब कीजिए २-६ पंक्तियाँ पृष्ठभूमि में लिखें। अपनी पूर्ण रचना को अधिकतम १६ पंक्तियों में अनुशीर्षक में लिखें। ( अनुशीर्षक में लिखने के लिये कोई भी बाध्यता नहीं है। ) आपकी पृष्ठभूमि की पंक्तियों को आप अनुशीर्षक में दोहरा सकते हैं। अनिवार्य हैशटैग: