अरे कोई है?मुझे रूह की पाकीज़गी का सर्टिफिकेट चाहिए कोई है यहां जो मोहर लगा दे,इक अरसे से दर दर भटक रहा हूँ, मेरा चेहरा अक्सर बयाँ कर देता है नापाक अतीत मेरा,क्या करूँ मैं? उसी के सदके,ना चाहते भी मैं आज भी इस दौड़ में अटक रहा हूँ, या ख़ुदा तू ही रहमत करना, अपने बच्चे पर,यहां तो कोई हमदर्द नही, यहां तेरे नुमाइंदों के हुजूम के आगे सफाइयाँ देने में भी उम्र पूरी देनी पड़ती है कोई बताएगा,क्या ऐसा हो सकता है कि खुदा खुद शैतान को फरिश्ता बना दे, या इसके लिए भी कहीं से,किसी 'बड़े' से, 'ऊपर' से मंजूरी लेनी पड़ती है, #yqbhaijan #yqdidi #पाकीज़गी