पहली मोहब्बत थी मगर मोहब्बत थी बहुत, इक तरफा ही सही फिर भी शिद्दत थी बहुत। वक़्त लगाया हमने उनसे रूबरू होने में, आज भी इंतजार का सब्र हम में है बहुत। अकेले ही चल रहे थे इक ज़ख्मी की तरह, उसकी तीखी आंखों ने घायल किया हमें है बहुत। सुकून मिला नहीं हमें इस बेरुखी भीड़ में, उसकी जुल्फों के साए में गुजारी रातें हैं बहुत। उसके जाने की वजह को उम्मीद समझ बैठे हम, उस शाम को बारिश के साथ बादल रोए हैं बहुत। उसकी मौजूदगी भर से आईने भी दोस्त बन गए थे, अब बस तस्वीरों की परछाईं सताती हमें है बहुत। उसके रूठने की अदा के दीवाने थे हम कभी, मगर आज मेरी क़लम स्याही से चिल्लाती है बहुत। वो अपनी हंसी से जमाने को भ्रम में रखती है, मगर उसकी सच्चाई उड़ती अफ़वाहें बताती हैं बहुत। @k_a_a_v_i_s_h #love #ghazal #broken #urdu #hindi #heart #poetry #yourquote