पहली मुलाकात... और फिर अंधेरे ने डर कर आँखें मीच ली... (शेष अनुशीर्षक में....) एकदम से लाइट चली गयी है... एकदम से ही सब जगह एक नयी कायनात सी बन गयी... सब जगह घुप्प अँधेरा...सुदूर तक फैला हुआ Covid 19 की बातें सुनाता हुआ अँधेरा...Sanitizers की महक से महकता अँधेरा...चिकित्सालयों के अंदर से बाहर की भीड़ को चीर कर आती हुई चीखों से कानों को दहलाता अँधेरा...कहीं से कोई एम्बुलेंस का सायरन न सुनाई दे जाए, दिल के इस डर को महसूस कराता अँधेरा...श्मशान से निकले धुंए के साथ जलती बुझती आशाओं और मानवता को नासिकाओं तक पहुंचाता अँधेरा... बस कुछ लोगों के मोबाइल हैं जो जल कर कुछ रौशनी का आभा