उसका नशा उतारने के लिए नया एक नशा कर बैठे भूल नहीं पाये उसे भला उसके मुँह पर कैसे कहते ना उसका नशा ही उतरा ना नया नशा ही सर चढ़ा उसका दिया वो पहला खत फाड़ा नहीं रोज रात पढ़ा उसमें लिखी हर एक बात मुझे अब भी सच्ची लगती पर हकीकत सामने आती तो सच की टीस सी चुभती वो खुश किसी के साथ, हम लाश सा जज्बातों की नदी की धारा में और कितनी दूर बहते रो कर थक चुके थे और मिलना भी क्या था अब इसीलिए अब हम जिंदगी में खुश है रहते #zindagi #love #hate #relationship