Maa चाहें जितनी आ जाएं ये बाधाएं, ये रास्ते जाएं कहीं खो चलते चलते, पर मां तुम साथ न होके भी, तुम्हारे आशीर्वाद का मेरे माथे पे टिका है, जब जब हुआ हताश मैं याद बातें तुम्हारी आई हैं, जो रोया मै अकेले में तो लगा जैसे आंचल तुम्हारा ही भीगा है, तुम्हारी यादों की ममता से मैंने अपनी हिम्मत का बगीचा सींचा है, जब जब हुआ कष्ट मुझे मां, मैने यादों में ही आंचल तुम्हारा महसूस किया है, याद तुम्हे करके ही मैंने जीवन की हर मंजिल को जीता है.. ©Shivendra Gupta 'शिव' #मां #मां_की_याद #कविता_शिव_की_कलम_से