" जीवंत प्रेम " अनुशीर्षक में पढ़ें इश्क में मस्त मलग होकर झूमना अब नही आता लोगों को वो बस जिस्मो के दीवाने हैं उन्हें केवल और केवल स्त्री के शरीर की चाहत हैं उन्हें उसके मन से कोई लेना देना नहीं वो सभी मुर्दे , स्त्री को भी मुर्दा बनाते हैं वो कभी भी जीवंत स्त्री के प्रेम के स्पर्श को समझ नहीं सकते