है दर्द ये अगर मेरा, वो क्यूं इसे है छु रहा फिकर उसे मेरी है क्यूं, नहीं जो मेरा ये इश्क़ हैं, या अश्क है, जो मेरी आंखों में है क्यूं ऐसे भीगता गुमनाम है कोई, बदनाम है कोई किसको खबर कौन है वो, अनजान है कोई... गुमनाम है कोई... उम्मीद कुछ तो आज भी है, दिल में, किसी से अब तक है जिंदा, महफूज भी है कैसे ये इश्क़ है या अश्क है, जो मेरी आंखो में है क्यूं ऐसे भीगता गुमनाम है कोई , बदनाम है कोई किसको पता कौन है वो, अनजान है कोई..... ©maher singaniya गुमनाम है कोई...