अब न अबला कहीं छली जाए। नेक रस्ते पे आदमी जाए। काम करता है देर रातों तक, पर न मुफलिस की मुफलिसी जाए। युद्ध बस बात ये सिखाता है, मौत की ओर जिंदगी जाए। बुद्ध की राह जो चलो यारों, दुःख की दुनिया से फिर घड़ी जाए। झूठ की वाह वाह होती है, सच की गर्दन मगर कसी जाए। लोग जो क़हक़हा लगाते हैं, बोल दूंँ सच तो फिर हंँसी जाए। #paidstory1 #मौर्यवंशी_मनीष_मन #ग़ज़ल_मन #शेर_मन #औरत #आदमी #buddhapurnima #war