तुमसे तुमको मांग सकूँ मैं इतना हक़ दे दोगी क्या ? बाट के अपने गम मुझसे खुशियां मेरी ले लोगी क्या ? जिस्मों से नहीं ये दिल से है ये सबको बताना पड़ता है मेरी भी मोहब्बत सच्ची थी हर रोज़ जताना पड़ता है बिन बोले कुछ अल्फाज़ो को आँखों में मेरी पढ़ लोगी क्या ? बिन बोले मेरे जज़्बातो को ख़ुद ब ख़ुद समझोगी क्या ? जो ख़ुद को खाली कहते थे मैंने उनको अपनाया है मेरे हिस्से के दो पल को सब ने मुझको तरसाया है बिन मांगे मेरे हिस्से का वक़्त मुझे दे दोगी क्या ? तुमसे तुमको मांग सकूँ मैं इतना हक़ दे दोगी क्या ? ©Shaane shayari #shaan_e_shayari #shaan_e_azam #shaaneshayari #shaaneazam #shaan #shayari #Poetry #loveshayari #imshaan #sunkissed