आओ हम मरहम बन जाते हैं बोहोत दर्द दिया है हमें अपनोने आओ इस दर्द का सहारा बन जाते हैं तुम्हारे दिल में उठने वाली हर मोजो का आओ हम एक किनारा बन जाते हैं होठो की उदासी को दूर कर आओ हम हसी बन जाते हैं अपने दर्द से उभर कर आओ हम खुशी बन जाते हैं कभी जो ना टूटे आओ हम वो कसम बन जाते हैं एक दूजे का हाथ थामकर आओ हम सनम बन जाते हैं चलो दुनियां को भुलाकर थोड़ासा बेरहम बन जाते हैं अपने हर नासूर जख्मों का आओ हम मरहम बन जाते हैं ©Rashi आओ हम मरहम बन जाते हैं #marham #hindi_poetry #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita #urdupoetry #urdupoem #RakeshShinde