संयमिता बनी रहे चल मानवता का पाठ पढ़ा दे, अति हर वस्तु का नाश है ये बात सबको बता दे, कलुषित व्यवहार जो अब तक सबसे तूने किया, मिट जायेगे पैगम्बर को तू क्षमा की चादर चढ़ा दे, पग पग पर यहाँ पश्चाताप की अग्निपरीक्षा होती है, मन मनस्वी पर रख विश्वास एक कदम आगे बढ़ा दे, मिलते नही तख़्तों ताज यहाँ किसी के यूँ माँगने से, कर मेहनत इतनी की तेरी सफलता ही शोर मचा दे। शब्द'चादर' #rzmph #rzmph252 #nishakamwal #chadar #चादर