तेरी यादों में रोये थे एक दिन फुटकर। क्योंकि चाहा भी तो था तुझे टूटकर। वैसे कभी चाय तक नहीं पीता,पर.... जब याद आती है,पिता हूं शराब छूटकर। "आज़ाद मन" Ashish Garg ✍️अजनबी✍️ हरीश मानिक 'निहया' "अर्श" Micku Nagar😘😘