जो शख्स गँवा बैठे है नायाब बहुत था मै कैसे बचा लेती भला कश्ती_ए_दिल को दरिया_ए_मुहब्बत मे सैलाब बहुत था :r...@nu #दरिया_ए_मुहब्बत