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छोड़ा भी तो क्या, जिसकी आदत नहीं थी। कैसे कहोगे ग

छोड़ा भी तो क्या,  जिसकी आदत नहीं थी।
कैसे कहोगे ग़लती भी जब चाहत नहीं थी। 

डरना तो तभी चाहिए था जब किए थे वादे, 
ना थे अनजान, तो झूठ की हाजत नहीं थी। 

तन्हा शख़्स से तन्हाई के सिवा मिलता क्या, 
सोचना, क्या कभी भी मिली  राहत नहीं थी। 

क्या करेंगे अब हम  किसी भी अफ़सोस का, 
और दर्द लेने की पहले से ही हालत नहीं थी। 

सीरत नहीं यहाँ हैसियत देखी जाती है 'धुन', 
होती उसे हमदर्दी, मगर कोई ग़ारत नहीं थी।  हाजत- Need 
ग़ारत- Calamity 


Rest Zone आज का शब्द- 'ग़लती'

#rzmph #rzmph161 #ग़लती #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi #life
छोड़ा भी तो क्या,  जिसकी आदत नहीं थी।
कैसे कहोगे ग़लती भी जब चाहत नहीं थी। 

डरना तो तभी चाहिए था जब किए थे वादे, 
ना थे अनजान, तो झूठ की हाजत नहीं थी। 

तन्हा शख़्स से तन्हाई के सिवा मिलता क्या, 
सोचना, क्या कभी भी मिली  राहत नहीं थी। 

क्या करेंगे अब हम  किसी भी अफ़सोस का, 
और दर्द लेने की पहले से ही हालत नहीं थी। 

सीरत नहीं यहाँ हैसियत देखी जाती है 'धुन', 
होती उसे हमदर्दी, मगर कोई ग़ारत नहीं थी।  हाजत- Need 
ग़ारत- Calamity 


Rest Zone आज का शब्द- 'ग़लती'

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