कैसे मनाऊँ ये साल बीतने की खुशी । इस साल से मेरे जज्बात जुड़े हैं ।। वो टहलना दिल्ली की सड़कों पर तेरे साथ, वो पकड़ना road crossing के बहाने तेरा हाथ। न जाने कितने इस साल में मेरे ख़यालात छुपे हैं।। भूलूँ कैसे वो तेरा हर रोज़ मेरी छत पर इंतज़ार। एक तरफा ही सही, पर वो तेरे लिए बेशुमार प्यार।। कैसे मनाऊँ ये साल बीतने की खुशी। इसही साल मैं तुझसे घंटो बातें किया करता था।। इसही साल मैं तुझे हर रोज़ पाने की उम्मीद में जिया करता था। तू इसही साल तो, मुझे गुस्से में आलू कहा करती थी। और मैं तुझे बहुत प्यार से मुर्गी कहा करता था।। तेरे लिए मैं आज भी बेकार हूँ। पर तू मेरे लिए आज भी खास है।। तू दूर चाहें जहाँ भी रहे। तू इस दिल के बहुत बहुत और बहुत पास है।। कैसे मनाऊँ ये साल बीतने की खुशी । इस साल से मेरे जज्बात जुड़े हैं ।। वो टहलना दिल्ली की सड़कों पर तेरे साथ, वो पकड़ना road crossing के बहाने तेरा हाथ। न जाने कितने इस साल में मेरे ख़यालात छुपे हैं।। भूलूँ कैसे वो तेरा हर रोज़ मेरी छत पर इंतज़ार। एक तरफा ही सही, पर वो तेरे लिए बेशुमार प्यार।। कैसे मनाऊँ ये साल बीतने की खुशी।