छोड़ो वफ़ाओं की किस्से, ये जिंदगी भर का रोना है। न पहले कोई अपना था, न किसी के अब होना है। कि मोहब्बत का मेरा सफ़र आख़िरी है, ये कागज कलम ये गजल आख़िरी है, मै फिर न मिलूँगी कहीं ढूढं लेना, तेरे दर्द का ये असर आख़िरी है। ©SS Expect less.. #LostTracks