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पहले जब घर वाले डाँटते-बोलते थे न तो हमें बुरा लगत

पहले जब घर वाले डाँटते-बोलते थे न तो हमें बुरा लगता था,
पर आज परदेश में हमें कोई डाँटने-बोलने वाला नहीं हैं,
इसलिए आदतें बिगड़ गयी हैं,देर रात तक मोबाईल चलाना और सुबह लेट से उठना!
अब मन करता हैं काश!कोई हमें डाँटने-बोलने वाला होता । #depression #काश!कोई डाँटने-बोलने वाला होता।
पहले जब घर वाले डाँटते-बोलते थे न तो हमें बुरा लगता था,
पर आज परदेश में हमें कोई डाँटने-बोलने वाला नहीं हैं,
इसलिए आदतें बिगड़ गयी हैं,देर रात तक मोबाईल चलाना और सुबह लेट से उठना!
अब मन करता हैं काश!कोई हमें डाँटने-बोलने वाला होता । #depression #काश!कोई डाँटने-बोलने वाला होता।
ajitbhaiyadav1371

Aanshi Ajit

Bronze Star
New Creator