तुम जब भी हमें हुक्म दोगे दूर जाएंगे अपना किस्सा ए गम तुझ को नहीं किसी और को सुना जाएंगे जब भी होगा तेरे नाम से वहशत सब्र कर जायेंगे तौफीक ए इज़्तिराब खातिर तुझको भुला जाएंगे बात किस्मत की थी दिल ए बेताब तुझे खुशी मिली हमें गम मिला ये सोच कर दिल को बता जाएंगे शायद हाल ए गम सुन कर तसल्ली हुआ होगा कभी सोचा अंज़ाम क्या होगा जब सब को सुना जाएंगे खुदा नसीब करे उसे हर खुशी मिले जिसे तेरी सोहबतें मिले हमारा क्या हम अपने दर्द में समा जाएंगे अपना दर्द भी अब सुनाऊं जिगर और दिल बचाना है नजर तुमसे मिला है फिर भी दर्द छुपा जाएंगे 🐯मेरी इक और ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल🐯 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल #fullmoon