#तुम्हेंभूलनेकीकोशिश_हरबारयूँहीनाकामहोजातीहै
सहर होती है रोज़ ज़िंदगी की फिर शाम हो जाती है
जीने वाला भी क्या करे, ज़िंदगी यूँही तमाम हो जाती है
सर-ए-शाम होते ही तुम्हारी यादों में डूब जाया करते हैं
तुम्हें भूलने की कोशिश हर बार यूँही नाकाम हो जाती है
दिन गुज़रता है अक्सर ही इधर-उधर की मशग़ूली में #story#Poet#SAD#love❤#violin