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हाँ बेहद संवेदनशील हूँ मैं, बहुत ही जल्द भावुक हो

हाँ बेहद संवेदनशील हूँ मैं,
बहुत ही जल्द भावुक हो जाती हूँ।
ज़रा सी भी ऊँची आवाज़ किसी की,
बर्दाश्त नहीं कर पाती हूँ।

आती है जब बात मेरे आत्मसम्मान पर,
कोई कसर नहीं छोड़ती हूँ मैं।
समझते हैं जो ख़ुद को ही सर्वोपरि,
ऐसे मूर्खों का घमंड तोड़ती हूँ मैं।

स्त्री का सम्मान न करने वालों,
तुम पर तो धिक्कार है।
खोल कर अपने पँख हमें उड़ना है,
हमारा ये अधिकार है।

मुझे देवी जैसी उपाधि नहीं,
केवल एक स्त्री का अधिकार चाहिए।
मुझ जैसी ही अनेकों स्त्रियों का भी,
यह स्वप्न्न होना साकार चाहिए। Sublime Inscriptions brings you
Weekly challenge 🖤 WCSI006 🖤
#SI_स्त्रीकासम्मान(Women'sHonour)

Collab open for all.
सहभागिता सबके लिए खुली है।
Maintain aesthetics.
शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखें ।
हाँ बेहद संवेदनशील हूँ मैं,
बहुत ही जल्द भावुक हो जाती हूँ।
ज़रा सी भी ऊँची आवाज़ किसी की,
बर्दाश्त नहीं कर पाती हूँ।

आती है जब बात मेरे आत्मसम्मान पर,
कोई कसर नहीं छोड़ती हूँ मैं।
समझते हैं जो ख़ुद को ही सर्वोपरि,
ऐसे मूर्खों का घमंड तोड़ती हूँ मैं।

स्त्री का सम्मान न करने वालों,
तुम पर तो धिक्कार है।
खोल कर अपने पँख हमें उड़ना है,
हमारा ये अधिकार है।

मुझे देवी जैसी उपाधि नहीं,
केवल एक स्त्री का अधिकार चाहिए।
मुझ जैसी ही अनेकों स्त्रियों का भी,
यह स्वप्न्न होना साकार चाहिए। Sublime Inscriptions brings you
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