*कश्ती है पुरानी मगर* *दरिया बदल गया;* *मेरी तलाश का भी तो* *जरिया बदल गया,* *न शक्ल बदली* *न ही बदला मेरा किरदार,* *बस लोगों के देखने का* *नजरिया बदल गया..* ©Rohit Gupta #darkness