White ये अवस्था है प्राण कि, क्या पुण्य क्या पाप करने को कर्ता यहाँ ,कहाँ है अपने हाथ कहां है अपने हाथ, चित्त मन को भरमावै कपि दुनिया है नाच री, बैठ मदारी नचावै बैठि मदारी नचाय, लोग कबहुं को मानैं देखि समर विकराल, अर्जुन अकुलानै अकुलानै से हटी माया, जब बही कृष्ण की गीता समझ कर कर्म विधान, बाण कानों तक खींचा युद्ध है जो दिख रहा , वो सब का सब परमार्थ है घटनायें तो सब घट चुकी, हम बस निमित्त मात्र हैं ©Brijendra Dubey 'Bawra, #GoodMorning #nojotohindi #poem #Soul #Aatma #hindipoetry #bawraspoetry Nojoto Help 🤝 Kalki Hinduism Extraterrestrial life Entrance examination bhakti gane