कोई फूल मुझमें खिला दिया तेरे ईश्क़ ने मुझे रंग साज बना दिया तेरे ईश्क़ ने उन्हें पांच वक्त के चन्द सजनों से क्या गरज जिन्हें पूरा पूरा झुका दिया तेरे ईश्क़ ने harihar