न है टिका ,न है टूटा.. ओहहह... कभी कुछ था ही कहा जुड़ा.. #यूंही कभी समझ नहीं पाते कभी समझा नहीं पाते.. लफ्ज़ भी मूड़ के अनुसार मुड़ जाते, न पढ़ें जाते ,न कहें जाते.. #timepasswriting