किसी की यादों में खोया, कोई कहीं रोता क्यों है रात रात भर जगता है आशिक,आखिर सोता क्यों नहीं बेचैन बेकरार हुए आंखों में पानी लिए फिरता है तनहाई में अकेले रोता है आशिक़, मुस्कुराता क्यों नहीं साथी जाम होता है उसका,मयखाना ठिकाना होता है दर्द सह लेता है चुपचाप हर आशिक़, अपना ग़म बताता क्यों नहीं! उभरते खयालात✍️🤔 Writen By-Mukesh ✍️ #yqdidi #yqbaba Image Credit-Mukesh Kr.Tiwari($@tya)