आइने की हैसियत कहां वो अक्स उतार लाये चेहरे की आड़ में जो चेहरा हैं हम छुपाये। मुद्दत हुई मुलाकातों के मौसम हुए पराये चाहा था खुद से मिलना अरसों से मिल न पाये। प्रीति #दोहरी #शक्ल #जीवन #yqdidi