कुछ अनजानी सी राहों में अनजान सफर पर चलते हैं,,, सुना है कुछ अपने इनमे अनजाने बनकर मिलते हैं।।। इन राहें अनजानी पर ही कुछ लोग दीवाने मिलते हैं,,, सब छोड़ छाड़ सुख और दुख, कुछ लोग वैरागी मिलते हैं।।। कुछ कांटें जैसे चुभते हैं कुछ मधुर मधुर से घुलते हैं,,, ये राहें यारों अनजानी, कुछ अपने इनमे मिलते हैं।।। कुछ चाहने वाले लोग थे जो कभी हाथ छुड़ा कर चले गए,,,, ये मस्ताने से लोग हैं वो, जो साथ साथ ही चलते हैं।।। कुछ अनजानी सी राहों में अनजान सफर पर चलते हैं,,, सुना है कुछ अपने इनमे अनजाने बनकर मिलते हैं।।।