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जीवित बाप के लठ्ठम लठ्ठा, मूवे गंग पहुचैया। जब आव

 जीवित बाप के लठ्ठम लठ्ठा, मूवे गंग पहुचैया। 
जब आवे आसोज का महीना, कौवा बाप बनईयां।
जीवित बाप के साथ तो लड़ाई रखते हैं और उनके मरने के उपरांत उनके श्राद्ध निकालते हैं। 
परमात्मा कहते हैं रे भोली सी दुनिया सतगुरु बिन कैसे सरिया।
 जीवित बाप के लठ्ठम लठ्ठा, मूवे गंग पहुचैया। 
जब आवे आसोज का महीना, कौवा बाप बनईयां।
जीवित बाप के साथ तो लड़ाई रखते हैं और उनके मरने के उपरांत उनके श्राद्ध निकालते हैं। 
परमात्मा कहते हैं रे भोली सी दुनिया सतगुरु बिन कैसे सरिया।