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यिर्मयाह 25:32-33 [32]सेनाओं का यहोवा यों कहता है,

यिर्मयाह 25:32-33
[32]सेनाओं का यहोवा यों कहता है, देखो, विपत्ति एक जाति से दूसरी जाति में फैलेगी, और बड़ी आंधी पृथ्वी की छोर से उठेगी!
[33]उस समय यहोवा के मारे हुओं की लोथें पृथ्वी की एक छोर से दूसरी छोर तक पड़ी रहेंगी। उनके लिये कोई रोने-पीटने वाला न रहेगा, और उनकी लोथें न तो बटोरी जाएंगी और न कबरों में रखी जाएंगी; वे भूमि के ऊपर खाद की नाईं पड़ी रहेंगी।

©hem Bible prophecy

#SuperBloodMoon
यिर्मयाह 25:32-33
[32]सेनाओं का यहोवा यों कहता है, देखो, विपत्ति एक जाति से दूसरी जाति में फैलेगी, और बड़ी आंधी पृथ्वी की छोर से उठेगी!
[33]उस समय यहोवा के मारे हुओं की लोथें पृथ्वी की एक छोर से दूसरी छोर तक पड़ी रहेंगी। उनके लिये कोई रोने-पीटने वाला न रहेगा, और उनकी लोथें न तो बटोरी जाएंगी और न कबरों में रखी जाएंगी; वे भूमि के ऊपर खाद की नाईं पड़ी रहेंगी।

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