क्षत-विक्षत जटायु फिर जूटा, छोड़ प्रसाधन ,जोड़कर साधन। अश्रुलिप्त रहता था मन, बन बैठा था वह रावण। संचयन क्या करेगा धन, विनाश काल ,था बुद्धू मन। खाते खाली कर गए वो कुल, जो कुल को खाते औ खोते हैं। नकार दिया जब बालि का बल। फिर ! मिलेगी कोई सुग्रीवी सेना। जब मुश्किल और मुश्किल हो जाएगा, कसुत्त रंजन सहज करुण कोपल होगा। #loveyou3000 #scam2021 #aazkalkiberukhi #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqaestheticthoughts #yqtales