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सुनसान गलियों में आवाज ,जब पैरों की आती है। मैं उठ

सुनसान गलियों में आवाज ,जब पैरों की आती है।
मैं उठकर बैठ जाता हूँ ,की शायद वो आती है
लेकिन सच तो ये है कि,वो नही उसकी याद आती है। याद आती है
सुनसान गलियों में आवाज ,जब पैरों की आती है।
मैं उठकर बैठ जाता हूँ ,की शायद वो आती है
लेकिन सच तो ये है कि,वो नही उसकी याद आती है। याद आती है