कौन नहीं चाहता हमेशा खुश रहना, मीठी याद बनके सबके दिल में रहना, जब मन पर हो बोझ, तो किसी से मन की कहना, खुशी में झूमते हुए 'नेह' से गले मिलना, पर जाने क्यों उठे कदम रुक जाते हैं, चाहकर भी इक-दूजे से मिल नहीं पाते हैं, अहं की दीवारों को तोड़ कहाँ पाते हैं, बिछड़कर अपनों से, परिवार जुड़ नहीं पाते हैं, जो दिल खोलकर देखें अपना, तो राही मंज़िल पाते हैं। कौन नहीं चाहता... #कौननहींचाहता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #drnehagoswami