मेरी प्यारी कविता, रेत से बिखरे थे मेरे मन के भाव, बन्द कर मुट्ठी समेटा है मुझे | अनाथ खड़े थे मेरे ह्रदय के शब्द, बांहों में संभाल रख्खा है मुझे | तुम्हारी कविता के कोंख में अपनी वाक्यों को जन्म दिया है, सत्र 2019 ने Nojoto और बहुत मित्र दीया है | Stylo... #Literature #Poem #Openletter