"दोससससतीीीी" कुछ खोया है,कुछ पाया है! किसी ने रूलाया है,किसी ने हँसाया है! अपनी इस तिगड़ी में,मुझे भी समाया है! तभी तो यह दिन आज ,फिर आया है! न जाने कब निकल गई,उनके दोसताने से! तो न जाने कब मिल गई,इनके फँसाने से! विधालय से विशवविधालय में आये हैं! तभी तो नये दोसत बन पाये हैं! कुछ ऐसे ही राजाभोज के सितारे हैं! हर किसी की जान के पयारे हैं! और मेरे दोसत ऩयारे हैं! न जाने कब वो दिन आयेगा! जब ये दोसताना कुछ बड़ा कर पायेगा! कुछ अचछाई उनमें समाई है! तो कुछ बुराई मुझमें भराई है! दोनों के मेल से दोसती निकल आई है! -itsmywritee #NojotoQuote dosti #nojotoapp #mywrites #nojotospecial #firstnojoto #quotes #poem #kavita #itsmywritee