जानें कब ढल गया दिन, अब तो शाम हो गई, एक शोर भी ना हुआ और चर्चा सरेआम हो गई। भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में, वक़्त का पता ही नहीं चला, चलते-चलते राह-ए-ज़िन्दगी में, उम्र तमाम हो गई। 🌝प्रतियोगिता-66 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"ढल गया दिन "🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I