असल मुद्दा खुशहाल जिन्दगी है। जिसके पैमाने हैं:- 1-शरीर का जिन्दा सुरक्षित स्वस्थ रहना। 2-स्वयं में तनावमुक्त रहना। 3-संबंध में शिकायतमुक्त रहना । 4-परिवार में अभावमुक्त रहना । 5-समाज में भयमुक्त रहना । 6-प्रकृति में असंतुलनमुक्त रहना । अब इनमें से जितने बिंदु हमारे बस में है उतने में काम कर कर सकते हैं । और शेष की संभावना अवसर अनुकूलता की तलाश बनाये रखा जा सकता है । m.darshn वशिष्ठ जी महाराज सुखी कैसे हों।