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प्रकृति की चार अवस्थाये है 1-पदार्थ अवस्था(मिट्टी

प्रकृति की चार अवस्थाये है
1-पदार्थ अवस्था(मिट्टी मणि धातु,)
2-प्राण अवस्था-(वृक्ष बनस्पति)
3-जीव अवस्था(जीव जानवर)
4-ज्ञान अवस्था-(मानव )
इनमे से ऊपर के तीन अवस्थाये मानव को सहयोग करती है, निश्चित सन्तुलित आचरण है।जबकि मानव नाम मात्र का ज्ञान रखता है,वह सभी अवस्थावो एवम मानव के साथ असन्तुलित है।मानव को इस विषय पर विचार करना होगा। अध्यात्म ज्ञान संजीवनी
(वशिष्ठ जी महाराज)
प्रकृति की चार अवस्थाये है
1-पदार्थ अवस्था(मिट्टी मणि धातु,)
2-प्राण अवस्था-(वृक्ष बनस्पति)
3-जीव अवस्था(जीव जानवर)
4-ज्ञान अवस्था-(मानव )
इनमे से ऊपर के तीन अवस्थाये मानव को सहयोग करती है, निश्चित सन्तुलित आचरण है।जबकि मानव नाम मात्र का ज्ञान रखता है,वह सभी अवस्थावो एवम मानव के साथ असन्तुलित है।मानव को इस विषय पर विचार करना होगा। अध्यात्म ज्ञान संजीवनी
(वशिष्ठ जी महाराज)